हरियाली तीज 2025: आलता लगाने की परंपरा
Hariyali Teej 2025 (social media)
हरियाली तीज 2025: भारतीय संस्कृति में महिलाओं और लड़कियों के लिए पैरों पर आलता लगाने की परंपरा सदियों पुरानी है। यह शादीशुदा महिलाओं के लिए सुहाग का प्रतीक माना जाता है, जबकि युवा लड़कियां इसे सजावट और सौंदर्य के लिए उपयोग करती हैं। हरियाली तीज जैसे त्योहारों पर हरी चूड़ियां, मेंहदी, झूले और पारंपरिक श्रृंगार के साथ आलता लगाना विशेष महत्व रखता है। इस वर्ष हरियाली तीज 26 से 27 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी, और महिलाएं इसके लिए विशेष तैयारियों में जुटी हैं।
स्किन इंफेक्शन का कारण स्किन इंफेक्शन का कारण
वर्तमान में बाजार में मिलने वाले आलते अधिकतर आर्टिफिशियल रंगों और रसायनों से बने होते हैं। पहले आलता प्राकृतिक तरीके से टेसू के फूलों से बनाया जाता था, जो त्वचा के लिए सुरक्षित था। लेकिन आजकल के नकली और केमिकल युक्त आलता लगाने से खुजली, जलन और छाले हो सकते हैं। कई महिलाएं गंदे या पसीने वाले पैरों पर सीधे आलता लगा लेती हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
आलता लगाने से पहले की सुरक्षा टिप्स आलता लगाने से पहले की सुरक्षा टिप्स
आलता लगाने से पहले पैरों की सफाई करना अत्यंत आवश्यक है। सबसे पहले पैरों को अच्छे से धोकर सुखा लें, ताकि उन पर कोई गंदगी या पसीना न रहे। आलता लगाने से लगभग 10 मिनट पहले हल्का नारियल तेल या ग्लिसरीन पैरों पर लगाएं। इससे पैरों पर एक सुरक्षा परत बन जाती है, जो रसायनों के प्रभाव को कम करती है। हमेशा कोशिश करें कि प्राकृतिक या हर्बल आलता ही खरीदें, जो पूरी तरह से केमिकल-फ्री हो। यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो पहले पैच टेस्ट करें। आलवेरा जेल की एक परत लगाकर आलता लगाने से भी त्वचा सुरक्षित रहती है।
छाले होने पर क्या करें? छाले होने पर क्या करें?
यदि आलता लगाने के बाद पैरों में छाले हो जाएं, तो कपूर और नारियल तेल का मिश्रण लगाएं। बर्फ की सिकाई करने से जलन और सूजन कम होती है। नीम और हल्दी का पेस्ट लगाना भी लाभकारी होता है। यदि संक्रमण अधिक हो, तो तुरंत त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लें और स्वयं से दवा लेने से बचें। इन सावधानियों को अपनाकर आप त्योहार की सुंदरता और पारंपरिक श्रृंगार का आनंद बिना किसी परेशानी के ले सकते हैं।
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